साहिबगंज व्यवहार न्यायलय और राजमहल अनुमंडल व्यवहार न्यायलय में अभियान का शुभारंभ
साहिबगंज(झारखण्ड):राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) एवं सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) के निर्देशानुसार, झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के तत्वावधान में राष्ट्र के लिए मध्यस्थता शीर्षक से 90 दिवसीय राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान का आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान दिनांक 01 जुलाई, 2025 से आरंभ होकर 30 सितंबर, 2025 तक संचालित होगा।
मध्यस्था समय और धन की बचत :
इस अभियान का नेतृत्व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार अखिल कुमार के मार्गदर्शन में किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि मध्यस्थता के लिए उपयुक्त लंबित मामलों में मोटर दुर्घटना दावा मामले, घरेलू हिंसा से संबंधित मामले, चेक बाउंस मामले, वाणिज्यिक विवाद, सेवा संबंधी मामले, आपराधिक समझौता योग्य मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, संपत्ति का विभाजन, बेदखली मामले, भूमि अधिग्रहण विवाद अन्य उपयुक्त सिविल मामले, राजस्व संबंधी प्रकरण शामिल हैं।श्री कु।श्री कुमार ने कहा कि मध्यस्थता एक ऐसा मंत्र है, जिसमें विवादों का त्वरित, किफायती एवं सौहार्दपूर्ण समाधान संभव है। इससे न केवल समय और धन की बचत होती है, बल्कि आपसी रिश्तों में भी सुधार आता है। उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि लंबित मामलों को संबंधित न्यायालयों में मध्यस्थता हेतु प्रस्तुत करें।
मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाया जायेगा:
प्राधिकार के सचिव विश्वनाथ भगत ने बताया कि अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु आज मध्यस्थों के साथ एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया।जिसमें मध्यस्थों को कई दिशानिर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाया जा सके । उन्होंने बताया कि मध्यस्थता भौतिक, ऑनलाइन और हाइब्रिड मोड में भी आयोजित की जाएगी।