कॉन्फ्रेंस हॉल में शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को दी गई महत्वपूर्ण जानकारी
राजमहल(झारखंड): मॉडल कॉलेज राजमहल में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अंतर्गत सत्र 2025–2029 की नामांकन प्रक्रिया को लेकर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला कॉलेज के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित की गई।, जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने की।कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित कॉलेज के एनईपी नोडल पदाधिकारी डॉ. अमित कुमार ने हाल ही में सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका में दिनांक 04/07/2025 को आयोजित विश्वविद्यालय स्तरीय नामांकन कार्यशाला में दी गई जानकारी को सरल और स्पष्ट भाषा में उपस्थित शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को साझा किया।
नामांकन प्रक्रिया में कुछ महत्त्वपूर्ण बदलाव
डॉ. अमित कुमार ने बताया कि एनईपी 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार इस सत्र से नामांकन प्रक्रिया में कुछ महत्त्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक छात्रों को माइनर विषय (माइनर सब्जेक्ट) का चयन करना होता था। किंतु नए नियम के अनुसार, छात्रों को अब “एसोसिएटेड कोर सब्जेक्ट्स में से विकल्प चुनना होगा। साथ ही एईसी (एबिलिटी एनहांसमेंट कोर्स) के अंतर्गत प्रथम सेमेस्टर में हिंदी विषय को अनिवार्य रूप से पढ़ना होगा। उन्होंने उपस्थितजनों को नामांकन से संबंधित तकनीकी और व्यावहारिक पक्षों को भी विस्तारपूर्वक समझाया । ताकि शिक्षक एवं कर्मचारी नामांकन के दौरान छात्रों का सही मार्गदर्शन कर सकें।
प्रत्येक छात्र को मिले सही जानकारी
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय द्वारा नामांकन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और छात्रों के अनुकूल बनाने के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि नए बदलावों से विद्यार्थियों को विषय चयन में होने वाली जटिलताओं और भ्रम को दूर करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को निर्देशित किया कि प्रवेश प्रक्रिया को विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार ही संपन्न किया जाए और प्रत्येक छात्र को सही जानकारी दी जाए।कार्यशाला में नामांकन प्रभारी डॉ. रमज़ान अली, परीक्षा नियंत्रक प्राध्यापक डॉ. विवेक कुमार महतो, तथा कर्मचारीगण मोहन सिंह, सुमित साहा, बबलू हेंब्रम, प्रकाश महतो सहित महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों ने कार्यशाला को उपयोगी और मार्गदर्शक बताया।