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एक दिवसीय जिला स्तरीय बहु-हितधारक परामर्श कार्यशाला का आयोजन

On: Monday, August 4, 2025 12:55 AM
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पाकुड़(झारखंड) : पाकुड़ व्यवहार न्यायालय के सभागार में रविवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023, बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) तथा मादक पदार्थ नियंत्रण अधिनियम (एनडीपीएस) पर एक दिवसीय जिला स्तरीय बहु-हितधारक परामर्श कार्यशाला आयोजित की गई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शेषनाथ सिंह की अध्यक्षता में कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलन कर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, विधिक सहायता रक्षा प्रणाली के प्रमुख सुबोध कुमार दफादार एवं अधिवक्ता संघ के सचिव दीपक कुमार ओझा ने संयुक्त रूप से किया।

न्यायिक प्रक्रिया में तकनीकी सुधारों की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेषनाथ सिंह ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए विधिक पारदर्शिता, नागरिक अधिकारों की सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रिया में तकनीकी सुधारों की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बीएनएसएस, 1973 की दंड प्रक्रिया संहिता के स्थान पर लाया गया है, जो गंभीर अपराधों में वैज्ञानिक प्रमाण, न्याय प्रक्रिया में समयबद्धता और विचाराधीन बंदियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय सुधांशु कुमार शशि ने बीएनएसएस में इलेक्ट्रॉनिक संचार, डिजिटल प्रमाण, समयसीमा निर्धारण तथा मानवाधिकार अनुकूल जमानत व हिरासत प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह अधिनियम न्याय प्रक्रिया को अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाता है।

बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम पर की चर्चा

पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी ने बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) की चर्चा करते हुए बताया कि यह 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा देने हेतु बनाया गया है। उन्होंने पीड़ित बच्चों के बयान की संवेदनशीलता, शीघ्र चिकित्सकीय परीक्षण, और साक्ष्य संकलन जैसे विषयों पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

एनडीपीएस से संबंधित प्रावधानों का दी जानकारी

डॉ. मनीष कुमार ने पोक्सो अधिनियम की प्रक्रियाओं जैसे चिकित्सा परीक्षण, पीड़ित की सुरक्षा तथा प्रमाण संकलन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। वहीं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमार क्रांति प्रसाद ने महिलाओं के विरुद्ध अपराध और मादक पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) से संबंधित प्रावधानों पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि जांचकर्ता को किन बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए तथा तलाशी और जब्ती की प्रक्रिया में हितधारकों की भूमिका क्या होनी चाहिए।

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