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हिंदी दिवस पर दिग्गज कवियों ने हिंदी के वैश्विक विकास की संभावनाओं पर किये विचार साझा

On: Tuesday, September 16, 2025 1:47 AM
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साहिबगंज(झारखंड): सोमबार को हिंदी पखवाड़ा 2025 के उपलक्ष्य में मॉडल कॉलेज राजमहल में वैश्विक भाषा हिन्दी का विकास और संभावनाएं विषय पर एकदिवसीय संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। दीप प्रज्ज्वलन एवं सिदो कान्हो मुर्मू की तैल्य चित्र  पर माल्यार्पण कर किया गया।इस क्रम में मुख्य अतिथि भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री बजरंगी प्रसाद यादव ने हिंदी की वैश्विक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।इसके साथ ही जल, जंगल, जमीन संरक्षण और प्लास्टिक के सिंगल यूज पर भी प्रकाश डाला।

हिंदी सशक्त भाषा के रूप में हो रही है स्थापित:

कॉलेज के प्रचार्ज डॉ  रणजीत कुमार सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हिंदी केवल राष्ट्रीय एकता की भाषा नहीं, बल्कि विश्व पटल पर ज्ञान, साहित्य, तकनीक और व्यापार की भी एक सशक्त भाषा के रूप में स्थापित हो रही है। उन्होंने हिंदी के वैश्विक विकास की संभावनाओं पर विस्तार से अपने विचार साझा किए।

कवियों ने अपने अपने कविताओं से श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध:

इस अवसर पर आरण्यक काव्य मंच, साहिबगंज के प्रख्यात कवि  विजय कुमार भारती  ने कितना प्यारा सा अपना देश या भारत हमारा है, सभी मजहब के लोगों ने मिल इसे संवारा है के माध्यम से देश, समाज तथा भाषा पर अपनी व्यथा कही। कवि शंभू नाथ यादव ने कहा कविता लिखो! उजड़ते जंगल और झाड़ियां लिखो चीखती चिल्लाती, राजमहल की पहाड़ियां लिखो। कवि अभय कुमार सिन्हा ने लोकतंत्र छुट्टी पर है.. कविता का पाठ कर मानवीय संवेदनाओं को सरकारी तंत्र के नजर अंदाज करने पर व्यंग्य किया।कवि  राजेन्द्र सिंह नमन ने भूगोल पर आधिपत्य की, होड़ यह कैसी लगी है? सृष्टि को निर्मूल करने जंग की ज्वाला जगी है के माध्यम से ओज की कविता सुनाई।कवि प्रभाष अनिरुद्ध ने कहा,यारो यह जश्न हर साल हुआ करता है, कुछ सब्जा कुछ लाल हुआ करता है।सुमधुर पाठ किया।कवि अभय कुमार ने कहा ,देखो पहाड़ नित हो रहा नंगा, धीरे धीरे लुप्त हो रही गंगा। कवि अमन कुमार होली ने अंग्रेजी चाची, उर्दू मौसी और हिंदी माँ/ माँ है मेरी हिंदी, जिसने मुझे चलना सिखाया ममता की छाँव में, हर शब्द नया बताया कविता के माध्यम से हिन्दी अंग्रेजी और उर्दू की प्रासंगिकता बताई तथा कवि  सपना चन्द्रा ने हिंदी एक सरिता है उसे बहने दीजिए, शब्द शहद है उसे घुलने दीजिए जैसी कविता पर अपनी सुमधुर एवं विचारोत्तेजक कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

किया गया पौधारोपण:

कार्यक्रम के अंत में पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ हिंदी के वैश्विक प्रचार प्रसार और उसके दैनिक उपयोग का संकल्प लिया एवं महाविद्यालय प्रांगण में अतिथियों और छात्र छात्राओ द्वारा पौधारोपण भी किया गया।

हिंदी दिवस पर छात्राओं ने की पेंटिंग प्रस्तुत:

कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं में काफी उत्साह दिखा।छात्र-छात्राओं व अन्य श्रोताओं ने मन्त्र मुग्ध होकर कार्यक्रम का आनन्द उठाया।इस क्रम में कॉलेज के छात्राओं ने हिंदी दिवस पर अपना –अपना पेंटिंग प्रस्तुत कर अतिथियों का ध्यान पेंटिंग की ओर  आकर्षित किया।

ये भी थे उपस्थित:

कार्यक्रम का संचालन अभय कुमार ने किया,जबकि डॉ० रमजान अली ने धन्यवाद ज्ञापन किया। संगोष्ठी में डॉ० विवेक महतो, डॉ० जावेद,डॉ० अभिमन्यु कुमार , पंकज घोष ,सोनी सुजीत , मंजू सिंह ,आकिब जावेद वैभव कुमार तथा महाविद्यालय के अन्य शिक्षक गण, छात्र-छात्राएँ, गैर-शैक्षणिक कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय हिंदी प्रेमी उपस्थित थे।

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