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साहिबगंज(झारखंड)की खबरे ……..

On: Thursday, July 31, 2025 1:25 AM
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साहिबगंज: जिला उद्यान पदाधिकारी एवं नीति आयोग के फेलो के द्वारा नीति आयोग तथा अनाबद्ध निधि के सहयोग से तालझारी एवं पतना प्रखंड अंतर्गत संचालित निर्माणाधीन योजनाओं का जिला उद्यान पदाधिकारी एवं नीति आयोग के फेलो के द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया ।निरीक्षण के दौरान दोनों प्रखंडों में चल रही योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की। विशेष रूप से नीति आयोग द्वारा निर्मित पॉलीहाउस पर ध्यान केंद्रित किया गया। जिसका उद्देश्य जलवायु-संवेदनशील खेती को बढ़ावा देना है।

निरीक्षण के उपरांत बताया गया कि पॉलीहाउस संरचना तैयार है और अब इसे उत्पादकता के चरण में लाने की आवश्यकता है। इसको देखते हुए  महिला स्वयं सहायता समूहों एवं जेएसएलपीएस के क्लस्टर समन्वयकों को पॉलीहाउस में सब्जियों की नर्सरी तैयार करने एवं उत्पादन कार्य प्रारंभ करने हेतु दिशा-निर्देश दिए गए।

इस पहल से महिला समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त करने में मदद मिलेगी। साथ ही स्थानीय स्तर पर सब्जी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। पॉलीहाउस तकनीक जलवायु अनुकूल खेती का एक बेहतरीन उदाहरण है। जो न्यूनतम संसाधनों में अधिक उत्पादन की संभावना प्रदान करता है।

साहिबगंज:जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के संयुक्त तत्वावधान में संत जोसफ विद्यालय, महादेगंज में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम का नेतृत्व जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी ने किया । उनके निर्देशानुसार कार्यक्रम को बच्चों के हित में प्रभावी तरीके से संपन्न किया गया। ज्ञात हो की जिले में बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक सतर्कता लगातार दिख रही है ।

महत्वपूर्ण विषयों की विस्तार से दी गई जानकारी

बताया की कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों को उनके अधिकारों, सुरक्षा उपायों एवं विभिन्न संरक्षण कानूनों के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को गुड टच-बैड टच की समझ, बाल विवाह, बाल श्रम, यौन शोषण, पोक्सो एक्ट, नशा मुक्ति, स्पॉन्सरशिप, फोस्टर केयर, आफ्टर केयर, दत्तक ग्रहण प्रक्रिया और किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) जैसे महत्वपूर्ण विषयों की विस्तार से जानकारी दी गई। विषयों की प्रस्तुति बच्चों की समझ के अनुसार सरल और संवादात्मक तरीके से की गई, जिससे वे इन मुद्दों से न केवल परिचित हों, बल्कि अपने अधिकारों को पहचान भी सकें।

पूरे समाज की भागीदारी जरूरी

अपने संबोधन में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी ने जिले में हाल के दिनों में बढ़ती बाल तस्करी की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बाल विवाह, बाल श्रम और शोषण जैसी सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए सिर्फ सरकारी प्रयास ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने बाल विवाह की कानूनी परिभाषा को स्पष्ट करते हुए बताया कि लड़कों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष निर्धारित की गई है। इससे कम उम्र में विवाह कराना कानूनन दंडनीय अपराध है।

साहिबगंज:अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी निषेध दिवस के अवसर पर जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में एक जिला स्तरीय एडवोकेसी मीटिंग का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंड विकास परिषद के तत्वावधान में किया गया ।जिसकी अध्यक्षता जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी ने की। इस अवसर पर जिले के कई विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं और बाल संरक्षण से जुड़े प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।

संवेदनशीलता के साथ काम करना होगा

बैठक की शुरुआत में पूनम कुमारी ने कहा कि बाल तस्करी और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियां आज भी हमारे समाज में गहरे पैठ बनाए हुए हैं। इन समस्याओं का समाधान केवल योजनाएं बनाकर नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर सक्रिय जनसहभागिता और ठोस कार्यवाही से ही संभव है। उन्होंने सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं और संगठनों को निर्देश दिया कि इन विषयों पर संवेदनशीलता के साथ एकजुट होकर काम करना होगा। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष जागरूकता फैलाने और बालिकाओं के सशक्तिकरण पर भी ज़ोर देने की आवश्यकता है।

बहुस्तरीय सामाजिक चुनौती

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, झारखंड विकास परिषद के कार्यक्रम प्रबंधक  मुकेश तिवारी ने बाल तस्करी की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जटिलताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला । उन्होंने स्पष्ट किया कि तस्करी जैसी समस्या सिर्फ कानून का मुद्दा नहीं, बल्कि यह एक बहुस्तरीय सामाजिक चुनौती है। जिसका समाधान तभी संभव है ,जब सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं मिलकर एक साझा मंच पर ठोस रणनीति तैयार करें। उन्होंने कहा कि केवल राहत कार्यों से नहीं, बल्कि रोकथाम, पुनर्वास और पुनर्समाजिकीकरण जैसे पहलुओं पर भी गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है।

अपने-अपने अनुभव किया साझा

बैठक में चाइल्ड हेल्पलाइन, मंथन संस्था तथा एसोसिएट फॉर वोलंटरी  एक्शन के प्रतिनिधियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई और अपने अनुभव साझा किये । उन्होंने जिले में चल रहे अपने कार्यों की जानकारी दी और बताया कि किस तरह वे विभिन्न समुदायों में बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं। इन संस्थाओं ने बाल अधिकारों को लेकर सामुदायिक स्तर पर जागरूकता और नेटवर्किंग को और मज़बूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।

चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की दी गई जानकारी

बैठक के अंत में सभी प्रतिभागियों ने बाल तस्करी और बाल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संकल्प लिया और मिलकर अभियान चलाने की सहमति जताई। प्रतिभागियों ने एकमत होकर कहा कि यह बैठक केवल एक संवाद नहीं, बल्कि भविष्य के लिए साझा रणनीति और सहयोग की नींव रखने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर भी रहा ।कार्यक्रम के दौरान बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी दी गई और उन्हें बताया गया कि किसी भी प्रकार की असुरक्षा की स्थिति में वे इस नंबर पर निःसंकोच कॉल कर मदद ले सकते हैं। बच्चों को यह भी बताया गया कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में वे नजदीकी पुलिस थाना, बाल कल्याण समिति या जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं।

बालिकाओं के सशक्तिकरण पर दिया गया विशेष जोर

इस जागरूकता कार्यक्रम में बालिकाओं के सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया गया। उन्हें आत्मनिर्भर बनने, आत्मरक्षा के कौशल सीखने तथा कठिन परिस्थितियों में साहस के साथ खड़े होने के लिए प्रेरित किया गया। पोक्सो एक्ट की विस्तृत जानकारी देते हुए उन्हें बताया गया कि यदि कोई उनके साथ किसी प्रकार का अनुचित व्यवहार करता है, तो वे कानूनी रूप से पूरी तरह संरक्षित हैं और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

साहिबगंज: विश्व मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर मंथन संस्था की पहल पर जिले में एक प्रभावी जन जागरूकता अभियान चलाया गया । जिसमें बाल तस्करी और बाल अधिकारों से जुड़े सभी प्रमुख हितधारकों ने एकजुट होकर भागीदारी निभाई। यह अभियान 1 जुलाई से 30 जुलाई 2025 तक उन रेलवे स्टेशनों पर संचालित किया गया, जहां से बच्चों की तस्करी की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। इस क्रम में साहिबगंज, राजमहल, तीनपहाड़ और बरहरवा रेलवे स्टेशनों पर जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य आम यात्रियों और नागरिकों को बाल तस्करी की पहचान, उसकी रोकथाम और उससे जुड़ी कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करना था।

यात्रियों के बीच फैलाई गई जागरूकता

बुधवार को अभियान के अंतिम दिन साहिबगंज रेलवे स्टेशन पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसकी अगुवाई स्टेशन अधीक्षक श्री राज हंश पाठक ने की। इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी, आरपीएफ इंस्पेक्टर गुलाम सरवर, जीआरपी प्रतिनिधि मंगल हांसदा ,चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम, मंथन संस्था के प्रतिनिधि और अन्य बाल संरक्षण से जुड़े कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी के संयुक्त प्रयास से यात्रियों के बीच मानव तस्करी के विरुद्ध व्यापक जागरूकता फैलाई गई।

चाइल्ड हेल्पलाइन को दे सूचना

कार्यक्रम के दौरान यात्रियों, स्टेशन परिसर में मौजूद दुकानदारों, कुलियों और प्लेटफॉर्म पर आने-जाने वाले लोगों को यह संदेश दिया गया कि यदि उन्हें किसी बच्चे की गतिविधि, हालत या व्यवहार संदिग्ध लगे , जैसे कि डर, घबराहट, किसी के दबाव में रहना या बिना किसी संरक्षक के यात्रा करना , तो वे तुरंत रेलवे सुरक्षा बल, चाइल्ड हेल्पलाइन (1098), स्टेशन मास्टर या मंथन संस्था को सूचना दें। यात्रियों को यह भी बताया गया कि बच्चों की तस्करी केवल बाल श्रम या घरेलू कामकाज तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण तक की जटिलताओं में बदल सकती है।

संगठित प्रशासनिक तंत्र की आवश्यकता

अपने संबोधन में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी ने कहा कि यदि हमें बाल तस्करी जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करना है तो इसके लिए मजबूत कानूनी कार्रवाई, तेज़ न्याय प्रक्रिया, और संगठित प्रशासनिक तंत्र की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब तक बच्चों के दुर्व्यवहार में शामिल अपराधियों को शीघ्र और सख्त सजा नहीं मिलेगी, तब तक उनके अंदर कानून का भय उत्पन्न नहीं होगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि रोकथाम अभियानों की सफलता के लिए ज़रूरी है कि प्रशासनिक समन्वय को और अधिक मज़बूती दी जाए, ताकि तस्करी करने वाले संगठनों के नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके ।

दिखा बेहतर तालमेल

अभियान में मंथन संस्था, चाइल्ड हेल्पलाइन, रेलवे पुलिस बल जीआरपी  और जिला बाल संरक्षण इकाई के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिला। इस कार्यक्रम ने न केवल लोगों को एक गहरी संवेदनशीलता से जोड़ा, बल्कि यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों को भी सक्रिय भागीदार बनाया। ट्रेन से यात्रा कर रहे कई यात्रियों ने भी जागरूकता सामग्री को पढ़कर सराहना की और कहा कि इस प्रकार की पहलें ज़मीनी स्तर पर वास्तविक बदलाव ला सकती हैं।

प्रमुख रूप से थे उपस्थित

मौके पर संरक्षण पदाधिकारी (गैर संस्थागत देखरेख) चंदा कुमारी, शोभा कुमारी, बिंदु कुमारी, चाइल्ड हेल्पलाइन से मोहम्मद इकबाल, संजीव कुमार, अवधेश कुमार, मृदुला कुमारी, रजत कुमार, दीपक कुमार, जिला प्रोजेक्ट एसोसिएट साक्षी रंजन, तथा मंथन संस्था से नाहिद प्रवीण, नवीन कुमार, सुमन कुमारी आदि उपस्थित थे । सभी ने बाल सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और आगे भी मिलकर बाल तस्करी के विरुद्ध अभियान चलाने की बात कही।

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