साहिबगंज(झारखंड):राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग) के अंतर्गत जिले के चार प्रखंडों क्रमशः बरहेट, राजमहल, तालझारी एवं उधवा के कुल 9 क्लस्टरों से चयनित 18 सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी) का पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आज कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में संपन्न हुआ।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन जिला उद्यान पदाधिकारी अमितेश रंजन, कृषि विज्ञान केंद्र से डॉ. वीरेंद्र कुमार मेहता एवं डॉ. माया कुमारी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।समापन अवसर पर विशेषज्ञों ने सीआरपी को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में रासायनिक खेती के कारण अनेक प्रकार की बीमारियाँ तेजी से फैल रही हैं। ऐसे में प्राकृतिक खेती अपनाकर न केवल किसानों का स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि भूमि की उर्वरता भी लंबे समय तक बनी रहेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक किसान को प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होना चाहिए।
प्रशिक्षण के दौरान सीआरपी को जैविक खाद के निर्माण की विधियों, जैसे घन जीवामृत, बीजामृत, नीमस्त्र, अग्नि अस्त्र एवं ब्रह्मास्त्र की जानकारी दी गई। यह भी बताया गया कि ये सभी जैविक उत्पाद किसान अपने घरों में स्थानीय संसाधनों से आसानी से तैयार कर सकते हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य सीआरपी को प्रशिक्षित कर गांव-गांव में प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता फैलाना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है।
इस अवसर पर उद्यान विभाग से मुकेश कुमार एवं प्रेम पासवान भी उपस्थित रहे।